sudhblog
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हम जब कोई बात करते है तो उसे विश्व से जोड़कर करते हैं । होना भी चाहिए पर बुरा तो तब लगता है जब उसमे भारत कहीं नहीं दिखता । उसकी विशेषता नहीं दिखती । भारत की विशेषता का उढाहरण विश्व के देशो से देते हैं ।यहाँ तक कि जब हम भारत की चर्चा करते हैं तो कहते हैं कि यह देशअशोक ,चन्द्रगुप्त , बुद्ध ,महावीर ,अकबर का देश है । बात अच्छी लगती है ,एक सेकुलर देश के लिए यह कहना शायद वाजिब भी होगा कि यह अकबर का भी देश है पर क्या ऐसा नहीं लगता कि हम किसी सत्य से नज़र च
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